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यु. पी के सहारनपुर मे दिनो – दिन असामाजिक हरकते बढ़ती जा रही है | रोजाना आम लोगो के जीवन को खतरे के सामने से होकर गुजरना पडता है | सरकारे आयी गयी पर इस व्यवस्था मे कोई बदलाव नही आया , सरकारो का क्या है एक दूसरे पर आरोप प्रव्यारोप तो कर देती है व्यवस्था किसी बन नही पाती ,अखिलेश सरकार मे भी सहारनपुर सुलगा और योगी सरकार मे भी सहारनपुर सुलगा तब भी हमारी पुलिस व जनता उपद्रवियो का शिकार हुई अब भी इन उपद्रवियो का शिकार हुई हर बार इस तरह को घटनाओ का जिम्मेदार हमारी काननु व्यवस्थाओ को ठहराया जाता है अरे काननु को एक बार अपने काम करने के छूट तो दो काननु की हाथ तो अफसरो के आदेशो मे बधे है फिर वो जिम्मेदार कहा… ?
हमारी पुलिस के हाथो मे लाठी –डडे बंदुके तो है लेकिन सिर्फ दिखाने के लिए,उपयोग मे तब लाई जाएगी जब आदेश होगे ,वहाँ रे…. हमारी सरकार के नियम ,बाढ़ मे जाये जनता इनके आदेश सर्वोपरि |
इन दिनो सहारनपुर मे ये जो घटनाये घट रही है और दिन प्रतिदिन बढ़ रही है अगर आज हमारे काननु को अपने लाठी –डडे ,बंदुक चलाने की इजाजत दी हो तो शायद ही इस तरह की कोई घटना घटित हुई होती और भविष्ये मे फिर कोई ऐसा उपद्रव मचाने की सोचता |
अंजलि रूहेला
अम्बैहटा पीर
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