- 71 Posts
- 20 Comments
बुलंद्शहर जैसे दर्दनाक हादसे पर अब राजनीति शुरू हो गई है, उत्तरप्रदेश की ही कुछ पार्टी सत्ता के लालच में इस हादसे की गलती एक दूसरे पर आरोपित कर रही है, आरोपी कोई भी हो उसे कैसे पकड़े जाए , क्या सजा दी जाए ये सोचने का समय नहीं है इनके पास , लेकिन पीड़ित परिवार के साथ कौन सी पार्टी का कौन सा सदस्य उनसे मिल रहे है | क्या बाते कर रहे है | ये सब जानकारी उनको है | सत्ता मे चल रही सरकार ही कुछ करने की बजाय केंद्र सरकार अगर कुछ करना चाहती है तो उन पर मन गड़क आरोप मंढ रही है | राजनीति मे आई महिलाए भी इस हादसे को हादसा न मानकर एक राजनीति पहलु की तरह खूब अच्छी तरह भुना रही है | संसद के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और सपा सांसद जया बच्चन तो इस मुद्दे को लेकर इस तरह से लड़ पड़ी जैसे कोई संपति का बंटवारा हो रहा है | और इनमे से एक को कम संपति मिल गयी हो, समाधान किसी के पास नहीं है , या करना नहीं चाहते है चाहते है तो बस इस मुद्दे को उछाल देकर राजनीति और सिर्फ राजनीति ।
इस गंदी राजनीति का फायदा ही ये असामाजिक तत्व उठाते है और इस तरह घिनौने अपराध को करने का दुस्साहश दिखाते है | क्योकि वो जानते है | कुछ भी करलो ,देखने ,सुनने वाला कोई नहीं है | कुछ होगा तो पीड़ित लोग कुछ दिन बोल कर अपने आप चुप हो जाते है | और मुद्दा बंद फाइलों मे दबकर रह जाते है | जैसे की पिछले मुद्दे फाइलों मे अब तक कैद है | अगर ये सिस्टम इसी तरह से चलता रहा तो सच मानिए ये चुनाव फिर सरकार नियुक्त होना सब बंद हो जाएगी क्योकि जब ये लोगो की सुरक्षा ही नहीं कर सकती तो फिर सरकार को क्यो चुने ये लोग
Read Comments