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माँ

मेरी कलम से
मेरी कलम से
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माँ शब्द को व्यक्त करने के लिए किसी दिन की,किसी उत्त्सव की जरूरत नहीं होती है। माँ मे तो पूरी दुनिया पूरा

संसार समाया हुआ है एक बार को कुछ भी नहीं है आपके पास, “केवल माँ है” तो सब कुछ है माँ को मानो तो एक

चलता फिरता भगवान है हम सब के पास, लोग मंदिर मे घंटो लाइन मे लगकर इंतजार करते है भगवान के दर्शन के

लिए, भगवान तो माँ के रूप सब के पास है सब के घर मे विराजमान है, जरूरत है बस उसे उसको पद पर

विराजमान करने की, उसका हक दिलाने की…. इसी के साथ
आप सभी को मात्रत्व दिवस की हार्दिक शुभकामनाये। आप सभी पर माँ का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।

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